दुनियाभर के फुटबॉल फैंस के लिए खुशखबरी। सबसे बड़ी फुटबॉल लीग यानी इंग्लिश प्रीमियर लीग बुधवार से वापसी कर रही है। कोविड-19 के कारण 100 दिन प्रो फुटबॉल से दूर रहने के बाद इस लीग के खिलाड़ी मैदान पर लौटेंगे। टॉप-10 में शामिल टीमों की बात की जाए तो उनके बाकी मुकाबले छोटी टीमों से होने हैं। उनका डिफिकल्टी लेवल (कठिनाई का स्तर) बहुत कम है।
लीग की नंबर-1 टीम लिवरपूल का डिफिकल्टी लेवल सिर्फ 1.6 है जबकि नंबर-2 टीम मैनचेस्टर सिटी का डिफिकल्टी लेवल 1.2 है। यानी, इनके लिए बाकी मैच जीतना अन्य टीमों की तुलना में ज्यादा आसान है।
40 दिन में 92 मैच यानी व्यस्त शेड्यूल
सभी 20 टीमों के 92 मैच बाकी हैं। कुछ को 9 तो कुछ को 10 मैच खेलना हैं। लीग 25 जुलाई तक खत्म करना है। चेल्सी काे प्रीमियर लीग और एफए कप मिलाकर औसत 3.6 दिन पर एक मैच खेलना है।
खिलाड़ी 'ब्लैक लाइव्स मैटर' लिखी जर्सी पहनकर खेलेंगे
रंगभेद के खिलाफ लड़ाई में अब इंग्लिश प्रीमियर लीग के खिलाड़ी भी शामिल हो गए हैं। लीग में फुटबॉलर अपने नाम की जगह 'ब्लैक लाइव्स मैटर' लिखी जर्सी पहनकर खेलने उतरेंगे। टूर्नामेंट के शुरुआती 12 मैचों में खिलाड़ी ऐसी ही जर्सी पहनेंगे। यह प्रतीक (#blacklivesmatter #playerstogether) सभी खिलाड़ियों, सभी कर्मचारियों, सभी क्लबों, सभी मैच अधिकारियों और प्रीमियर लीग में एकता दिखाता है।
सभी क्लब को 42 अरब का नुकसान हो सकता है
कोरोनावायरस की वजह से प्रीमियर लीग क्लबों के रेवेन्यू में लगभग 85 अरब रुपए की कमी हो सकती है। इसी एनालिसिस में यह भी सामने आया था कि इंग्लिश प्रीमियर लीग के क्लबों को 42 अरब से ज्यादा का स्थायी नुकसान हो सकता है। यूरोपीय फुटबॉल बाजार ने 2018-19 में 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार किया था। इसमें इंग्लिश प्रीमियर लीग के क्लबों का रेवेन्यू ही 505 करोड़ रुपए था।